मसल्स बढाने के लिए सही वर्कआउट का चुनाव होता है जरूरी
क्या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से बढ़ता है वजन
मसल्स बढ़ाने के लिए सही वर्कआउट करना बेहद जरूरी है।
मसल्स बढ़ाने के लिए शरीर से अतिरिक्त चर्बी को करें कम।
बाइसेप्स मसल्स के लिए बारबेल कर्ल से बेहतर कुछ नहीं।
सिक्स पैक बनाने हैं तो बाइसिकल क्रंच करना है जरूरी।
आज-कल जिसे देखो वह बॉडी बना कर सबसे फिट दिखना चाहता है। बेहतर दिखने के लिए लोग अपना वजन तो कम कर ही रहे हैं लेकिन उसकी दुगनी तादाद में लोग अपनी मसल्स बिल्ड करने के लिए आतुर रहते हैं। फिट रहने और दिखने में कोई बुराई नहीं, बल्कि यह सेहत के लिए जरूरी भी है। लेकिन फिट रहने और मसल्स बढाने के लिए सही वर्कआउट करना बेहद जरूरी है। आइये हम आपको बताते हैं मसल्स बढाने के जिम जाने वाले लोग कई तरह की एक्सरसाइज करते हैं, तरह-तरह की डाइट प्लान फॉलो करते हैं। पर हर चीज हर इनसान को सूट नहीं करती। मसल्स बढाने के लिए आपको ऐसे वर्कआउट शेड्यूल का चुनाव करना चाहिए जो अपने आप में कंप्लीट हो। यानी जिसमें पावर, शेप और साइज तीनों ही हों। मसल बिल्डिंग करने के लिए सबसे पहले शरीर से अतिरिक्त चर्बी को कम करना पड़ता है। एक बार शरीर से चर्बी खतम हो जाए, तब मसल बिल्डिंग के लिए मसल्स को टोन करने की जरुरत पड़ती है। साथ ही गठीले शरीर और अच्छी मसल्स के लिए सिर्फ जिम ही काफी नहीं होती। इसके लिए डाइट प्लान भी बहुत अहमियत रखता है। वर्कआउट के साथ सही मात्रा में एनर्जी वाली डाइट और खूब सारा पानी पीना चाहिए। चलिए बात करते हैं मसल्स बढाने वाली कुछ एक्सरसाइज पर।
चेस्ट के लिए वर्कआउटचेस्ट
को सही शेप देने और मसल्स सेट्रोंग बनाने के लिए फ्लैट डंबल प्रेस अच्छी एक्सरसाइज है। यह फ्लैट बेंच से बेहतर है, और वो इसलिए क्योंकि फ्लैट बेंच एक्सरसाइज करते समय हाथ एक सीमा से नीचे नहीं आते। बेंच करते समय जैसे ही रॉड आपके चेस्ट से छुलती है, उसे ऊपर की ओर धकेलना पड़ता है। वहीं डंबल प्रेस में ऐसा नहीं होता। जितना आप डंबल को नीचे ले जाते हैं, उतना ही प्रेशर आपके चेस्ट पर बनता है।
बाइसेप्स मसल्स के लिए वर्कआउट
कसरत तो कई प्रकार की हैं लेकिन बाइसेप्स मसल्स बनाने के लिए बारबेल कर्ल से बेहतर कुछ नहीं। जैसे स्क्वेट पैरों की एक कंप्लीट एक्सरसाइज है, उसी तरह बारबेल कर्ल बाइसेप्स के लिए एक मुकम्मल एक्सरसाइज है।
ट्राइसेप्स के लिए वर्कआउट
आर्म में 30 प्रतिशत भागीदारी बाइसेप्स और 70 प्रतिशत ट्राइसेप्स की होती है। यदि आप बड़े आर्म्स और मजबूत मसल्स चाहते हैं तो बाइसेप्स की बजाय ट्राइसेप्स पर अधिक ध्यान दें। बाइसेप्स की तरह ट्राइसेप्स के भी तीन हिस्से होते हैं और बेंच डिप्स एक ऐसी एक्सरसाइज है तो तीनों हिस्सों पर काम करती है। इसे आप बॉडी वेट के या एक्सट्रा वेट के साथ किया जा सकता है।
क्रंचेज
क्रंचेज कमाल का वर्कआउट है, ये न सिर्फ आपकी बॉडी को बेहतर शेप और मसल्स देता है, बल्कि स्टेमना भी बूस्त करता है। क्रंचेज करने से पेट के नीचे की मासपेशियां सही से तन जाती हैं। क्रंचेज करने के लिए जमीन पर लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ लें और हाथों को सिर के पीछे रखें। अपने शरीर को अपने घुटनों से मिलाने की कोशिश करें। क्रंचेज करने से पेट के ऊपर और बीच की मासपेशियां प्रभावित होती हैं।
लेग लिफ्ट वर्कआउट
लेग लिफ्टिंग करने से ना सिर्फ पेट के नीचे की मासपेशियां मजबूत होती हैं, बल्कि इससे जांघ और घुटनों के पीछे की मसल्स को भी मजबूत बनती हैं। लेग लिफ्ट करने के लिए दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं और फिर उन्हें अपने धड़ के पास लाने की कोशिश करें।
बाइसिकल क्रंच वर्कआउट
सिक्स पैक बनाने हैं तो बाइसिकल क्रंच जरूर करें। बाकी की क्रंचेस आमतौर पर एब्स के किसी एक हिस्से पर ही काम करती हैं, जबकि बाइसिकल क्रंच एक साथ सिक्स पैक पर काम करती है।
स्विमिंग
स्विमिंग शरीर के लिए एक पूर्ण व्यायाम है। इसे करने के लिए शुरू में आधे घंटे के सेशन से शुरुआत करें और फिर धीरे-धीरे इसका समय बढ़ाते रहें। इसके बाद हर सप्ताह आप अपने मसल्स की इम्प्रूवमेंट को आराम से देख सकते हैं। नियमित स्विमिंग करके आप कुछ ही दिनों में आपको अपने स्ट्रेंथ और स्टैमिना में फर्क देख पाएंगे।कार्डियो वर्कआउट करना हर इंसान के लिए जरूरी होता है। लगातार कार्डियो वर्कआउट बहुत जल्द चर्बी को कम कर देता है। आपका कार्डियोवैस्क्युलर हेल्थ और ब्लड फ्लो को अच्छा करता है। इसके लिए आप ब्रिस्क वॉक या कोई ऐसा काम करें, जिसमें आपका पूरा शरीर ऐक्टिव रहे। इसके अलावा मसल्स बढाने के लिए अपने वर्कआउट को नियमित रखना बेहद जरूरी होता है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से आप फिट रहते हैं, लेकिन इससे आपका वजन भी बढ़ सकता है, जानिए कैसे।
ग्लूटस एक्सरसाइज यानी आकर्षक बदन
आप खूबसूरत लगे इसके लिए कूल्हों की शेप का अच्छा होना भी जरूरी है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज के बारे में जिनसे आपके बटक का आकार सुडौल रहेगा।
लू लग जाने पर क्या करें

अगर गर्मी के मौसम में ज़रा सी भी लापरवाही बरती जाए तो लू लगने की संभावना जबध होती है। गर्मी के मौसम में लू चलना आम बात होती है। अगर अधिकतम तापमान सामान्य से 5 डिग्रीसेल्सिय अधिक हो जाता है तब लू चलती है। जब शरीर में नमक और पानी की कमी होती है तब लू लगती है। गर्मी में पसीने के रूप में नमक और पानी बाहर निकलता है जिसके कारण खून और नाडी की गति तेज हो जाती है। सांस लेने की गति भी ठीक नहीं रहती है और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है। लू लगने के कारण बुखार काफी तेज हो जाता है। आंखें व हाथ-पैरों के तलुओं में जलन होती है। इससे आदमी बेहोश हो सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि अगर लू जग जाए तो कैसे बचें।
लू लग जाने पर क्या करें –
लू लगने पर सबसे पहले रोगी को ठंडी और खुली हवा में आराम करने देना चाहिए।
अगर बुखार 104 डिग्री से अधिक है तो बर्फ की पट्टी सिर पर रखना चाहिए।
लू लगने वाले को तुरंत प्याज का रस शहद में मिलाकर खिलाना चाहिए।
अगर रोगी को प्यास लगी हो तो प्यास बुझाने के लिए नींबू के रस में मिट्टी के घड़े अथवा सुराही का पानी देना चाहिए। बर्फ का या ज्यादा ठंडा पानी नहीं पिलाना चाहिए क्योंकि इससे रोगी और बीमार हो सकता है।
रोगी के शरीर को दिन में चार-पाँच बार गीले तौलिए से पोंछना चाहिए।
लू लगने पर चाय-कॉफी जैसे गर्म पेय पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए।
कैरी का पना पिलाने से रोगी को आराम मिलता है। कच्चे आम को गरम राख पर मंद आँच वाले अंगारे में भूनकर, उसके ठंडा होने पर उसका गूदा निकालकर उसमें पानी मिलाकर पना बनाकर पीजिए।
जौ का आटा व पिसा प्याज मिलाकर शरीर पर लेप करने से लू में तुरंत राहत मिलती है।
लू से बचने के कुछ उपाय –
दोपहर में सबसे ज्यादा लू चलती है। इसलिए अगर बहुत जरूरी न हो तो दोपहर के समय घर से बाहर मत निकलिए। अगर बाहर जाना ही पड़े तो सिर व गर्दन को तौलिए या अंगोछे से ढंककर बाहर निकले।
गर्मी के मौसम में हल्का और जल्दी पचने वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अगर आप घर से बाहर निकल रहे हैं तो खाली पेट न निकलें।
गर्मी के दिनों में बार-बार पानी पीते रहना चाहिए जिससे कि शरीर में पानी की कमी नहीं होने पाए। पानी में नींबू व नमक मिलाकर दिन में दो-तीन बार पीते रहने से लू नहीं लगती।
गर्मी के मौसम में कपडों पर भी ध्यान देना चाहिए। गर्मी के दौरान नरम, मुलायम और सूती कपड़े पहनना चाहिए जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहें।
गर्मी में ठंडाई का सेवन नियमित करना चाहिए। मौसमी फलों जैसे – खरबूज, तरबूज, अंगूर मौसमी आदि का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
गर्मी के दिनों में प्याज का सेवन भी अधिक करना चाहिए एवं बाहर जाते समय कटे प्याज को जेब में रखकर निकलना चाहिए।
गर्मी के दिनों में प्याज का सेवन भी अधिक करना चाहिए एवं बाहर जाते समय कटे प्याज को जेब में रखकर निकलना चाहिए।
ऐसे व्यायाम जो बढ़ाएं आपकी लंबाई

मांसपेशियों पर दबाव डालने पर वे खिंचती हैं।
बास्केटबॉल खेलने से हड्डियों पर दबाव पड़ता है और लंबाई बढ़ती है।
शुरु किए गए व्यायामों को नियमित रुप से करें।
ताड़ासन से लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है।
आपके व्यक्तित्व को निखारने में लंबाई की अहम भूमिका होती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है जिन लोगों की लंबाई कम होती है वे काफी शर्मिंदगी महसूस करते हैं। जिसकी वजह से उनमें आत्म विश्वास की कमी देखी जा सकती है।
यूं तो लंबाई कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण रोल आनुवांशिक गुण अदा करते हैं। लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपकी हाइट बढ जाए तो आप कुछ खास व्यायाम की मदद से इसे बढ़ा सकते हैं। अगर आप नियमित रुप से इन व्यायामों को अपनाएं तो निश्चित रूप से ये सहायता कर सकता है। आइए जानें लंबाई बढ़ाने वाले व्यायामों के बारे में।
लटकना या बास्केटबॉल
जमीन से सात फुट पर एक छंड गाडे़ और उस पर जितनी देर हो सके उतनी देर तक रोज लटकें। इससे रीढ़ की हड्डी लचीली बनेगी और आपकी लंबाई बढे़गी। आप चाहें तो बास्केटबॉल भी खेल सकते हैं इससे भी हड्डियों पर दबाव पड़ता है जिससे वे खिंचती हैं और आपकी लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है।
ताड़ासन
ताड़ासन से लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है। इसके लिए सबसे पहले जमीन पर कंबल बिछाकर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर और दोनों हथेलियों को अपने बगल में रखें फिर पूरे शरीर को स्थिर रखें और दोनों पैरों पर अपने शरीर का वजन सामान रखें। उसके बाद दोनों हथेलियों की अंगुलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं।हथेलियों सीधी रखें फिर सांस भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर खींचिए, जिससे आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। इसके साथ ही पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएं और पैरों की अंगुलियों पर शरीर का संतुलन बनाए रखिए। इस स्थिति में कुछ देर रहें। कुछ देर रुकने के बाद सांस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएं। इस आसन को प्रतिदिन 10-12 बार करें।
भुजंगासन
भुजंगा, जिसे इंग्लिश में कोबरा कहते है और चूंकि यह दिखने में फन फैलाए एक सांप जैसा पोज बनता है इसलिए इसका नाम भुजंगासन रखा गया है। इसके लिए पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। अब दोनों हाथ के सहारे शरीर के कमर से ऊपरी हिस्से को ऊपर की तरफ उठाएं, लेकिन कोहनी आपकी मुड़ी होनी चाहिए। हथेली खुली और जमीन पर फैली हो। अब शरीर के बाकी हिस्से को बिना हिलाए-डुलाए चेहरे को बिल्कुल ऊपर की ओर करें। कुछ समय के लिए इस पॉस्चर को यूं ही रखें। यह आसन आपकी मांसपेशियों के लिए काफी फायदेमंद है।
शीर्षासन
दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर कोहनियां जमीन पर टिकाएं। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिर को ग्रिप बनी हथेलियों के पास भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा।फिर घुटने को जमीन से उपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिके दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात माथे के नजदीक ले आते हैं और फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपर उठाते हुए सीधा कर देते हैं तथा पूर्ण रूप से सिर के बल शरीर को टिका लेते हैं। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: उसी अवस्था में आने के लिए पहले पैर घुटने से मोड़ते हुए धीरे-धीरे घुटनों को पेट की तरफ लाते हुए पंजों को भूमि पर रख देते हैं। फिर माथे को भूमि पर टिकाकार कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद सिर को भूमि से उठाते हुए वज्रासन में बैठकर पूर्व स्थिति में आ जाए।
पशिचमोत्सानइसे करने से आप न सिर्फ कई स्वास्थ्य समस्याओं से दूर रहेंगे बल्कि आपका शरीर लचीला होगा । इसके लिए सबसे पहले सीधे बैठ जाएं और दोनों पैरों को फैलाकर एक सीध में रखें। दोनों पैर सटाकर रखें। दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं और कमर को बिल्कुल सीधा रखें। फिर झुककर दोनों हाथों से पैरों के दोनों अंगूठे पकड़ने की कोशिश करें। ध्यान रहे इस दौरान आपके घुटने न मुड़ें और न ही आपके पैर जमीन से ऊपर उठें।
इन व्यायामों को अपनाने के बाद आपकी लंबाई में बढ़ोत्तरी हो सकती है। इन व्यायामों को करने के दौरान मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और वे खिंचती है जिससे लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है।
स्ट्रैचिंग व्यायाम की गलतियां

स्ट्रेचिंग एक बेहतरीन एक्सरसाइज है। लेकिन, इसके करते हुए अगर कुछ जरूरी सावधानियों को नजरअंदाज कर दिया जाए तो यह काफी तकलीफदेह भी हो सकती है।
फिटनेस ट्रेनर
फिटनेस का क्रेज आज हर उम्र के लोगों में दिखाई देता है, फिर चाहे युवा हो या फिर बुजुर्ग। आज हर व्यक्ति फिट रहना चाहता है।
स्वास्थ्य समस्याएं
मेरी उम्र 31 वर्ष है। मेरे पीरियड्स 14 साल की उम्र में शुरू हुए थे और तब से लेकर आज तक अनियमित हैं। सिर्फ एक से दो दिन ही होते हैं। इस बीच कई बार पीरियड्स बंद हुए और फिर शुरू हो गए। उस दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द, भूख न लगना, पैर के तलुवों में जलन जैसी शिकायत रहती है।
टहलने की शुरूवात आज से ही करें
तो आज से ही टहलना शुरू कर दीजिए क्योंकि आप इसके फायदों का अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
पुरुष कैसे रखें बुढ़ापे को दूर
बुढापे से कितना भी बचा जाए, लेकिन कहीं न कहीं इसकी छाप नजर आ ही जाती है। लेकिन, इसके असर को तो कम किया ही जा सकता है साथ ही इसे लंबे समय तक टाला भी जा सकता है।
ग्लूट एक्सरसाइज के फायदे
कमर दर्द में आराम, जांघों में मजबूती और बीमारियों से बचाव। ग्लूट एक्सरसाइज के ऐसे ही कई फायदे होते हैं। जानिए इसके अन्य लाभ क्या हैं।
विटामिन सी के कार्य

विटामिन्स शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए बेहद जरूरी है। सिटरस फ्रूट्स में भी विटामिन्स पाए जाते हैं। आइए जानें विटामिन सी के कार्य के बारे में।
जीन में है छुपा है शरीर का आकार
महिलाएं अपने 'फिगर' को लेकर काफी सजग रहती हैं। इसके बावजूद कुछ की काया छरहरी, जबकि कुछ की मोटी होती है।
फिटनेस का फार्मूला:
तनावमुक्ति के लिए क्या करेंयह ऊर्जा प्राप्ति का मूलभूत तरीका है। यह न सिर्फ साइकोसोमेटिक अभ्यास है वरन तंत्रिकापेशीय तनावमुक्ति देता है जिससे कम समय में अधिकतम आंतरिक ऊर्जा प्राप्त होती है। अपने तनाव को पहचानें कि वह सकारात्मक है या नकारात्मक एवं तनाव तंत्रिकापेशीय है या मानसिक। यदि संभव हो तो अपने तनावों को किसी विश्वसनीय सहेली, रिश्तेदार से बांटें।
आर्मसविधि
पैरो पर खड़े होकर कंधो को विस्तार देकर एक ओर खड़े हो जाओअपनी पीठ को सीधा और अपने पेट को अन्दर रखो।अब अपने हाथो को एक तरफ से फैलाकर और अपने हाथो की हथेलियों को सामने बाहर की ओर फैलाएं।दोनो हाथो को एक साथ, अपने सामने हथेलियों के साथ अपने सामने सीधे बाहर की ओर रखेफैलाएं हुए हाथो को वापस एक ओर करेंप्रत्येक पक्ष को दस बार दोहराओं।अपने हाथो को एक तरफ फैलाकर और फिर उन्हे सीधे एक साथ अपने सिर के उपर लाकर और फिर उन्हे वापस नीचे लाकर सीधी स्थिति के लिए छोडने के द्वारा अपनी कसरत कर सकते है।
इ एक हाथ को सिर के उपर फैलाकर
एक हाथ में बैठकर या खड़े होकर एक डम्बेल को पकड़ते हुए कोहनी को मोड़कर सिर के पीछे की ओर रखे और डम्बेल के निचले किनारे को थोड़ा सा गले से स्पर्श करे।
हाथो को उपर ले जाएं अधिकतम सीमा तक यह (डम्बेल) उठाएं और धीरे धीरे नीचे की ओर आरम्भिक स्थिति में आएं।
नोटः कोहनी को सयुक्त न बांध एक झटके के साथ ???जब आपने अपने हाथ को उपर की ओर फैलाया हो अपनी कोहनी को झटके से
फोरार्म (हाथ की कोहनी तक)
रिवर्स कर्ल
कंधो को विस्तार देते हुए पैरो पर एक ओर खड़े हो जाओ, घुटनो को संयत और हाथो को शरीर के सम्मुख विस्तार दे या फैलाएं, एक बाहं उठाकर बारबेल को मुðी के साथ पकड़े। हाथो को कंधो से अलग फैलाएं।
बारबेल को उठाते हुए सिरे तक कंधो के काफी समीप जहां तक हो सके उठाएं और फिर वापस आरम्भिक स्थिति में आ जाओ।
इ कलाई कर्ल
बेंच पर हाथो (आग्र भाग से कोहनी तक) को रख कर एक कारपेट फर्श पर अपने घुटनो के ...
जब आप हों थकान से परेशान
थकान आजकल हर किसी की जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है। लेकिन, थकान से राहत पाना इतना भी मुश्किल नहीं। जानिए कुछ ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आपकी थकान हो जाएगी छूमंतर।
हाथ और आंखों का समन्वय बेहतर करने के तरीके
हाथ और आंखों के बीच समन्वय 7 साल में हो जाता है विकसित।
यदि इनके बीच बेहतर समन्वय न हो तो अक्सर होती है परेशानी।
रंगों से, पहेलियों आदि के द्वारा इनके बीच बनाइये बेहतर समन्वय।
वीडियो गेम्स, ऑनलाइन गेम्स, क्रिकेट, बेसबॉल आदि भी आजमायें।
हाथ और आंखों का साथ अनोखा होता है, और इनके बीच में समन्वय यानी तालमेल उम्र के 7 साल में अपने आप विकसित हो जाता है। यानी बच्चा 7 साल का होते-होते हाथ और आंखों के बीच समन्वय करना अपने-आप सीख जाता है।
कुछ लोगों में इन दोनों के बीच तालमेल बिठाने में परेशानी होती है, जिसके कारण उनको अक्सर परेशानी होती है। ऐसे लोग जिनका हाथ और आंखों का समन्वय बेहतर नहीं होता उनको गेम्स खेलेन में परेशानी होती है। यदि आप भी इसी तरह की समस्या से परेशान हैं तो हमारा यह लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे आंखों और हाथों के बीच बेहतर तालमेल बनायें।
रंगों के जरिये
आंखों और हाथ के बीच तालमेल बनाने के लिए आप रंगों का सहारा ले सकते हैं। इसके लिए आप कलर बुक लीजिए और उसपर रंग उकेरिये। कुछ ड्राइंग बनाइये, रंगीन पेंसिल और मार्कर का इस्तेमाल कर पेंटिंग बनाइए। इससे आपको बचपन की याद आयेगी लेकिन यह हाथ और आंखों के बीच समन्वय बेहतर करने के सबसे कारगर तरीकों में से एक है।
वीडियो गेम या ऑनलाइन गेम
वीडियो गेम और ऑनलाइन गेम खेलने के लिए आपको हाथों के साथ-साथ आंखों के बेहतर समन्वय की जरूरत होती है। इस प्रकार के गेम में निर्धारित लक्ष्य को आप तभी हासिल कर पायेंगे जब आपका हाथ और आंखों का तालमेल अच्छा हो। इस प्रकार के खेल खेलने से आपके आंखों और हाथों का समनवय बेहतर होगा।
पहेली के जरिये
हाथ और आंखों के समन्वय के लिए आप पहेली का सहारा ले सकते हैं। पहेलियों से न केवल आपके हाथ और आंखें का तालमेल बेहतर होगा बल्कि इससे आपका दिमाग भी तेज होगा। इन प्रकार के पहेलियों के जरिये आंखों और हाथ का तालमेल बेहतर होगा। यदि आप सामान्य पहेलियों को आसानी से हल कर पा रहे हैं तो थ्री-डी पहेलियों का अभ्यास कीजिए।
क्रिकेट और बेसबॉल
क्रिकेट और बेसबॉल तो बहुत से लोगों का पसंदीदा खेल है, और इस प्रकार के खेल रुचिकर भी होते हैं। हाथ और आंखों के बीच बेहतर समन्वय के लिए ऐसे खेल का अभ्यास करना बहुत ही कारगर व्यायाम है। क्रिकेट और बेसबॉल के अभ्यास से आप अपने शरीर को फिट भी रख सकते हैं।
रैकेट ड्रिल
1992 में 'क्लीनिक्स इन गेरियाट्रिक मेडिसिन' में एक रिसर्च छपा था, जिसके अुनसार, 'हाथ और आंखों के बीच बेहतर समन्वय बनाने में रैकेट खेलना फायदेमंद है, खासकर ऐसे लोगों में जो उम्र में अधिक हो चुके हैं।' रैकेट ड्रिल के जैसे खेल का अभ्यास नियमित करके आप अपने हाथ और आंखों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर सकते हैं।
इसके अलावा आप नियमित बॉक्सिंग कर सकते हैं, कुछ बच्चों के गेम्स खेल सकते हैं, जैसे - क्रॉफ्ट बनाना, किसी प्रकार का मॉडल बनाना आदि। इसके जरिये आप अपने हाथ और आंखों के बीच बेहतर समन्वय बना सकते हैं।
टुकड़ों में करें कसरत होगा ज्यादा फायदा

दो मिनट का कड़ा व्यायाम और 90 मिनट की दौड़ का असर बराबर होता है। दो मिनट की कड़ी कसरत 90 मिनट की दौड़ लगाने जितना ही फायदेमंद साबित होती है।
चेहरे के लिए योग और व्यायाम

योग से चेहरे के धब्बे, झाइयां, झुर्रियां को दूर किया जा सकता है।
उदान मुद्रा और कपोल शक्ति विकासक क्रिया से आती है चमक।
चेहरे की वसा घटाने के लिए ठोढ़ी को 20 बार अंदर-बाहर कीजिए।
इसके अलावा अपने डायट चार्ट में पोषक तत्वों को शामिल कीजिए।
खूबसूरत चेहरे की चाहत सभी की होती है, इसके लिए लोग खासकर महिलायें बहुत जतन करती हैं। कुछ लोग तो इसके लिए बाजार में उपलब्ध कई प्रकार की फेयरनेस क्रीम का प्रयोग चेहरे की सुंदरता के लिए प्रयोग चेहरे पर निखार लाने के लिए प्राकृतिक तरीके जैसे - योग और व्यायाम सबसे फायदेमंद हैं। यदि आप चेहरे के लिए योग और व्यायाम करते हैं तो यह आपकी उम्र को भी छिपा सकता है। योग की कुछ क्रियाओं से चेहरे पर लालिमा आती है तथा धब्बे, झाइयां, झुर्रियां और कालापन दूर किया जा सकता है। योग और व्यायाम आपके चेहरे की सुंदरता तो निखारते हैं साथ ही यह आपके पूरे शरीर को फिट भी रखते हैं। आइए हम आपको बताते हैं कि चेहरे के लिए कौन सा योग और व्यायाम करें।
चेहरे के लिए योग
कपोल शक्ति विकासक क्रिया चेहरे पर निखार लाने के लिए अच्छा योगासन है। इसके लिए सुखासन या फिर पद्मासन में बैठ जाएं। दोनों हाथों की आठों अंगुलियों के आगे के भाग को आपस में मिलाकर दोनों अंगूठे से दोनों नाकों के छिद्रों को बंद कर लें। फिर सांस अंदर खींचे। फिर दोनों अंगूठों से नाक के छिद्रों को बन्द कर लें और अपने गालों को गुब्बारे की तरह फुलाएं और अपनी क्षमता अनुसार सांस रोककर धीरे-धीरे सांसों को बाहर निकालें। यह अभ्यास कम से कम 20 बार करें।
पद्मासन में बैठकर, अपने मुंह को इस प्रकार चलाएं, जैसे कि गाय या भैंस चारा खाने के बाद जुगाली करती है। इस क्रिया को कम से कम 2 मिनट करें।
सुखासन में बैठकर दोनों हाथों की अंगुलियों से अपने गालों को लगातार थपथपाएं। इस क्रिया को उसी प्रकार कीजिए, जिस प्रकार हम दुलार से किसी को तमाचा मार रहे हैं। यह क्रिया रोज 5 मिनट करें।
अपनी गर्दन को पीछे की तरफ मोड़कर फिर अपने नीचे वाले होंठ से ऊपर वाले होंठ को छूने का प्रयास करें, कुछ देर इसी अवस्था में रुककर सामान्य स्थिति में आयें। यह इस क्रिया का एक चक्र हुआ। कम से कम 10 बार इसका अभ्यास करें।
उदान मुद्रा करने के लिए पद्मासन में बैठ जायें। फिर अपने दोनों हाथों की तीनों अंगुलियों (तजर्नी अंगुली को छोड़कर) बाकी अंगुलियों को अंगूठे के टिप से आपस में मिलाइये। इसका अभ्यास 5 मिनट रोज करें।
हाथों में दस्ताने पहनकर, दोनों अंगूठों को पूरी तरह मुंह के अंदर इस तरह डालें कि ऊपर के जबड़ों और ऊपरी होंठों से लगें। होंठों को फैलाएं, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो, अब होंठों को बन्द करके दबाव दें। इस क्रिया का अभ्यास 5-6 बार करें।
वज्रासन में बैठकर घुटनों को थोड़ा खोलकर रखें। हाथों की अंगुलियों को शेर के पंजे के समान खोलकर दोनों घुटनों पर रखें। सांस खींचकर जीभ बाहर निकालें और फिर सांस छोड़ते हुए शेर जैसी गजर्ना करें। इस क्रिया में मुंह ज्यादा से ज्यादा खुला होना चाहिये। जीभ अधिक से अधिक बाहर निकली होनी चाहिये। गले की मांसपेशियों में तनाव लाएं। इस आसन का अभ्यास 3-4 बार कर सकते हैं।
जब समय मिले, खूब जोर से हंसिये, इसे हास्यासन कहते हैं। इतना हंसिये कि आंखों में आंसू आ जाए, क्योंकि हंसने के दौरान जिस्म की सभी 600 मांसपेशियों की कसरत एक साथ होती है। ठहाका लगाकर हंसने से फेफड़ों में ज्यादा ऑक्सीजन जाती है, रक्त शुद्ध होता है और चेहरा गुलाब की तरह खिल जाता है।
चेहरे के लिए व्यायाम
मुंह को जितना हो सके खोल लीजिए, जीभ को बाहर निकालकर कुछ सेकेंड तक इसी स्थिति में रहिए। इस व्ययाम को 10 बार कीजिए। इससे जबड़े मजबूत होते हैं और यह गले की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
मुंह को जितना चौड़ा हो सके उतना खोलिये, 10 सेकेंड तक इसी स्थिति में रहिए और कम से कम 10 बार इस क्रिया को दोहराइए। इस व्यायाम से चेहरे की रेखायें हटती हैं।
अपनी नाक और मुंह को सिकोड़कर लगभग 5 मिनट तक रखें। इस व्यायाम को 10 बार कीजिए। इससे चेहरे की झाइयां हटती हैं।
सिर को पीछे की तरफ झुकाकर दांतों को भींच लें और मुंह के कोनों को पीछे की ओर खींचकर 10 मिनट तक इसी स्थिति में रहें। इस क्रिया को 8-10 बार दोहरायें। इससे चेहरे पर पड़ने वाली झुर्रियां दूर होती हैं।
सिर को सीधा रखते हुए ठोढ़ी को बाहर निकालें, फिर ठोढ़ी को अंदर ले जाइए। इस क्रिया को 20 बार करें। यह व्यायाम ठोढ़ी के नीचे की फालतू की वसा को कम करता है।
चेहरे को खूबसूरत बनाने के लिए योग और व्यायाम के साथ-साथ पौष्टिक आहार और आराम भी जरूरी है। इसलिए खाने में ताजे फल, हरी सब्जियों, सूखे मेवे आदि को शामिल कीजिए।
आपका चेहरा आपके व्यक्तित्व का आईना होता है। और आप कुछ व्यायाम और योग के जरिये अपने चेहरे को सुंदर और सेहतमंद बनाकर रख सकते हैं। जरूरत इस बात की है आप इन व्यायाम और योगासनों को नियमित तौर पर करें। इससे आपके चेहरे के साथ-साथ आपका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
मसल्स बनाने के लिए कसरत और आहार में सही तालमेल है जरूरी

मसल्स बनाना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए आपको मसल्स बनाने के वर्कआउट नियमों के बारे में जानना जरूरी है। जानिए किस प्रकार आप अपने आहार व वर्कआउट में संतुलन बना सकते हैं।
व्यायाम से दूर होती है भूलने की बीमारी

हल्का-फुल्का व्यायाम हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद है। नियमित तौर पर व्यायाम करने से बुजुर्गो की याददाश्त बढ़ सकती है। यही नहीं, वे अधिक दिनों तक भूलने की बीमारी (डिमेंशिया) का शिकार होने से भी बच सकते हैं-दूर होता है।
असुरक्षित व्यायाम की आदतें

हर कोइ चाहता है कि वो फिट रहे और अच्छा दिखे। ऐसे में जिम जॉइन करना सबसे आम विकल्प दिखता है। शरीर को आकार में लाने का यह पहला कदम हो सकता है पर ज़रा सम्भलकर, क्योंकि आजकल निरंतर जिम में कसरत, युवाओं में बढ़ रही दुर्घटनाओं का कारण बन गयी है।
मांसपेशियां बनाने के गलत तरीके
प्रोटीन सप्लिमेंट्स से होने वाले दुष्प्रभाव आपको लम्बे समय तक प्रभावित कर सकते हैं। इस लेख में जानिए कि बॉडी बनाने के गलत तरीके क्या-क्या हैं।
सूखे का स्वास्थ्य पर प्रभाव
सूखे की स्िथति स्वास्थ्य पर न सिर्फ छोटे बल्कि लंबे वक्त के लिए प्रभावित करती है।
स्वास्थ्य के विषय में सही क्या गलत क्या
कुछ स्वास्थ्य संबंधी धारणाएं हैं जो बरसों से मानी जाती रही हैं लेकिन उनमें से कुछ तो सही हैं और कुछ गलत। आइए जानें वे कौन सी धारणाएं हैं-
अंगुली के पोरों और टखने के जोड़ों का चटकना अर्थराइटिस का संकेत है:
गलत : जोड़ों के चटकने से आने वाली आवाज जोड़ों के बीच की गैस होती है जो चटकने पर निकलती है।
ज्यादा सोओगे, बीमार हो जाओगे
गलत: जो लोग शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ होते हैं वे ज्यादा देर तक नहीं सोते। ज्यादा देर तक वह व्यक्ति सोता है जो वास्तव में बीमार होता है। उसे डिप्रेशन की भी शिकायत हो सकती है।
छींकें रोकना नुकसानदेह होता हैसही: अगर आप छींक रोकते हैं तो म्यूकस दबाव के कारण कानों की तरफ चला जाता है जिससे इंफेक्शन होने का डर तो रहता ही है, बहरेपन की संभावना भी रहती है।




